Skip to main content

कृष्ण लाड़ली की कहानी | Story of Krishna Ladli

 कृष्ण लाड़ली की कहानी Story of Krishna Ladli
एक लडकी थी जो कृष्ण जी की अनन्य भक्त और उनकी लाड़ली भी थी। बचपन से ही कृष्ण भगवान का भजन करती थी। भक्ति करती थी, भक्ति करते-करते बड़ी हो गई, भगवान की कृपासे उसका विवाह भी श्रीधाम वृंदावन में किसी अच्छे घर में हो गया। विवाह होकर पहली बार वृंदावन गई, पर नई दुल्हन होने से कही जा न सकी, और मायके चलि गई। और वो दिन भी आया जब उसका पति उसे लेने उसके मायके आया, अपने पति के साथ फिर वृंदावन पहुँच गई। पहुँचते पहुँचते उसे शाम हो गई, पति वृंदावन में यमुना किनारे रूककर कहने लगा देखो! शाम का समय है में यमुना जी मे स्नान करके अभी आता हूँ। तुम इस पेड़ के नीचे बैठ जाओ और सामान की देखरेख करना मै थोड़े ही समय में आ जाऊँगा यही सामने ही हूँ, कुछ लगे तो मुझे आवाज देदेना, इतना कहकर पति चला गया और वह लडकी बैठ गई। 
अब एक हाथ लंबा घूँघट निकाल रखा है, क्योकि गाँव है,ससुराल है और वही बैठ गई, मन ही मन विचार करने लगी। कि देखो! ठाकुर जी की कितनी कृपाहै उन्हें मैंने बचपन से भजा और उनकी कृपा से मेरा विवाह भी श्री धाम वृंदावन में हो गया। मैं इतने वर्षों से ठाकुर जी को मानती हूँ परन्तु अब तक उनसेकोई रिश्ता नहीं जोड़ा? फिर सोचती है ठाकुर जी की उम्र क्या होगी ? लगभग १६ वर्ष के होंगे, मेरे पति २० वर्ष केहै उनसे थोड़े से छोटे है, इसलिए मेरे पति के छोटे भाई की तरह हुए, और मेरे देवर की तरह, तो आज से ठाकुर जी मेरे देवर हुए, अब तो ठाकुर जी से नया सम्बन्ध जोड़कर बड़ी प्रसन्न हुई और मन ही मन ठाकुर जी से कहने लगी। देखो ठाकुर जी ! आज से मै तुम्हारी भाभी और तुम मेरे देवर हो गए, अब वो समय आएगा जब तुम मुझे भाभी-भाभी कहकर पुकारोगे। 
 इतना सोच ही रही थी तभी एक 10 -15  वर्ष का बालक आया और उस लडकी से बोला - भाभी-भाभी ! लडकी अचानक अपने भाव से बाहर आई और सोचने लगी वृंदावन में तो मै नई हूँ ये भाभी कहकर कौन बुला रहा है। 
नई थी इसलिए घूँघट उठकर नहीं देखा कि गाँव के किसी बड़े-बूढ़े ने देख लिया तो बड़ी बदनामी होगी। अब वह बालक बार-बार कहता पर वह उत्तर न देती बालक पास आया और बोला। भाभी!अपना चेहरा तो देखाय दे। अब वह सोचने लगी अरे ये बालक तो बड़ी जिद कर रहा है इसलिए कस केघूँघट पकड़कर बैठ गई कि कही घूँघट उठकर देखन ले, लेकिन उस बालक ने जबरजस्ती घूँघट उठकर चेहरा देखा और भाग गया। थोड़ी देर में उसका पति आ गया, उसनेसारी बात अपने पति से कही। पति नेकहा - तुमने मुझे आवाज क्यों नहीं दी ? लड़की बोली - वह तो इतनेमें भाग ही गया था। पति बोला - चिंता मत करो, वृंदावन बहुत बड़ा थोड़े ही है। कभी किसी गली में खेलता मिल गया तो हड्डी पसली एक कर दूँगा फिर कभी ऐसा नहीं कर सकेगा। तुम्हे जहाँ भी दिखे, मुझे जरुर बताना। फिर दोनों घर गए, कुछ दिन बाद उसकी सास नेअपने बेटे से कहा- बेटा! देख तेरा विवाह हो गया, बहू मायके से भी आ गई। पर तुम दोनों अभी तक बाँके बिहारी जी केदर्शन के लिए नहीं गए कल जाकर बहू को दर्शन कराकर लाना. अब अगले दिन दोनों पति पत्नी ठाकुर जी के दर्शन केलिए मंदिर जाते है मंदिर में बहुत भीड़ थी। 
लड़का कहने लगा - देखो! तुम स्त्रियों के साथ आगे जाकर दर्शन करो, में भी आता हूँ अब वह आगे गई पर घूंघट नहीं उठाती उसे डर लगता कोई बड़ा बुढा देखेगा तो कहेगा नई बहू घूँघट के बिना घूम रही है। बहूत देर हो गई पीछे से पति ने आकर कहा - अरी बाबली ! बिहारी जी सामने है, घूँघट काहे नाय खोले,घूँघट नाय खोलेगी तो दर्शन कैसे करेगी। अब उसने अपना घूँघट उठाया और जो बाँके बिहारी जी की ओर देखातो बाँके बिहारी जी कि जगह वही बालक मुस्कुराता हुआ दिखा तो एकदम से चिल्लाने लगी - सुनिये जल्दी आओ! जल्दी आओ ! पति पीछेसे भागा- भागा आया बोला क्या हुआ? लड़की बोली - उस दिन जो मुझे भाभी-भाभी कहकर भागा था वह बालक मिल गया। पति ने कहा - कहाँ है ,अभी उसे देखता हूँ ? तो ठाकुर जी की ओर इशारा करके बोली- ये रहा, आपके सामनेही तो है। उसके पति ने जो देखा तो अवाक रह गया और बोला तुम धन्य हो वास्तव में तुम्हारे ह्रदय में सच्चा भाव ठाकुर जी के प्रति है। मै इतने वर्षों से वृंदावन मै हूँ मुझे आज तक उनके दर्शन नहीं हुए और तेरा भाव इतना उच्च है कि बिहारी जी के तुझे दर्शन हुए .
बोलिये वृन्दावन श्री बांके बिहारी लाल की जय । 

Comments

Popular posts from this blog

सनातन धर्म क्या है और इसका महत्व क्या है?

यदि आप सनातन धर्म के बारे में जानना चाहते हैं, तो इस लेख में आपको इस धर्म के महत्वपूर्ण सिद्धांतों और उत्पत्ति के बारे में जानकारी मिलेगी। सनातन धर्म एक प्राचीन धर्म है जो भारतीय उपमहाद्वीप में उत्पन्न हुआ था और आज भी दुनिया भर में अनेकों लोगों द्वारा अपनाया जाता है। सनातन धर्म क्या है? सनातन धर्म एक प्राचीन धर्म है जो भारतीय उपमहाद्वीप में उत्पन्न हुआ था। इस धर्म के मूल सिद्धांत हैं सत्य, अहिंसा, धर्म, कर्म और मोक्ष। सनातन धर्म के अनुयायी इसे एक जीवन शैली के रूप में देखते हैं जो उन्हें अपने जीवन के सभी क्षेत्रों में निर्देशित करती है। सनातन धर्म के मूल सिद्धांतों को समझें सनातन धर्म के मूल सिद्धांत हैं सत्य, अहिंसा, धर्म, कर्म और मोक्ष। सत्य का अर्थ है सच्चाई का पालन करना, अहिंसा का अर्थ है किसी भी प्राणी को नुकसान नहीं पहुंचाना, धर्म का अर्थ है नियमों और नैतिकता का पालन करना, कर्म का अर्थ है कर्तव्यों का पालन करना और मोक्ष का अर्थ है आत्मा की मुक्ति प्राप्त करना। ये सिद्धांत सनातन धर्म के अनुयायी के जीवन के सभी क्षेत्रों में निर्देशित करते हैं। सनातन धर्म का महत्व क्या ह...

हनुमान चालीसा का अर्थ और महत्व समझे

हनुमान चालीसा हिंदू पौराणिक कथाओं में एक प्रमुख देवता, भगवान हनुमान को समर्पित एक श्रद्धेय भजन है। यह शक्तिशाली भजन भक्तों के लिए गहरा अर्थ और महत्व रखता है, क्योंकि यह भगवान हनुमान के गुणों और गुणों को समाहित करता है। इस ज्ञानवर्धक मार्गदर्शिका में, हम हनुमान चालीसा के छंदों के पीछे के रहस्यों का पता लगाएंगे और हिंदू संस्कृति और आध्यात्मिकता में इसके महत्व को समझेंगे। हनुमान चालीसा का परिचय हनुमान चालीसा एक पवित्र स्तोत्र है जिसका हिंदू संस्कृति में बहुत महत्व है। यह भगवान हनुमान को समर्पित है, जो शक्ति, भक्ति और वफादारी के प्रतीक के रूप में पूजनीय हैं। इस भजन में 40 छंद हैं, जिनमें से प्रत्येक में भगवान हनुमान के विभिन्न गुणों और उपलब्धियों का वर्णन है। ऐसा माना जाता है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से भक्त को आशीर्वाद, सुरक्षा और आध्यात्मिक विकास मिल सकता है। इस परिचय में, हम हनुमान चालीसा की उत्पत्ति और महत्व के बारे में विस्तार से जानेंगे, जिससे इस श्रद्धेय भजन की गहरी समझ के लिए मंच तैयार होगा। हनुमान चालीसा का इतिहास और उत्पत्ति हनुमान चालीसा की उत्पत्ति भारत में 16व...

विष्णु के दस अवतारों का अनावरण: हिंदू पौराणिक कथाओं के माध्यम से एक यात्रा

विष्णु के दस अवतारों का अनावरण: हिंदू पौराणिक कथाओं के माध्यम से एक यात्रा Image credit Goes To Canva आज हम विष्णु के दस अवतारों का अनावरण करेंगे। हिंदू पौराणिक कथाओं के माध्यम से एक मनोरम यात्रा शुरू करेंगे। प्राचीन कथाओं और श्रद्धेय धर्मग्रंथों में डूबे ये अवतार ब्रह्मांड के संरक्षक और रक्षक भगवान विष्णु की दिव्य अभिव्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। राजसी मत्स्य, मछली अवतार से लेकर, शक्तिशाली कल्कि, सफेद घोड़े पर सवार योद्धा तक, प्रत्येक अवतार सृजन, संरक्षण और विनाश के ब्रह्मांडीय चक्र में एक अनूठी झलक पेश करता है। हमारे साथ जुड़ें क्योंकि हम इन अवतारों को जीवंत बनाने वाली आकर्षक कहानियों, उनके प्रतीकवाद, महत्व और कालातीत शिक्षाओं की खोज करते हैं। इन पौराणिक आख्यानों में छिपे गहन ज्ञान की खोज करें, क्योंकि वे अच्छे और बुरे के बीच शाश्वत युद्ध, धार्मिकता की शक्ति और मोक्ष के अंतिम मार्ग में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। चाहे आप हिंदू धर्म के समर्पित अनुयायी हों या विविध संस्कृतियों के जिज्ञासु खोजकर्ता हों, यह यात्रा आपकी कल्पना को मोहित करने और हिंदू पौराणिक कथ...